
प्रतीकात्मक फोटो.
मिर्जापुर:
स्वास्थ्य विभाग में फर्जी ढंग से नियुक्ति पाकर नौकरी कर रहे 64 लोगों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ओपी तिवारी ने शासन के आदेश पर बर्खास्त कर दिया है. सीएमओ तिवारी ने शनिवार को बताया कि विभिन्न जिलों में तैनात इन कर्मचारियों को हटाने के लिए संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखा गया है. फर्जी आधार पर नौकरी कर रहे इन कर्मचारियों के खिलाफ जांच पिछले 18 वर्षों से चल रही थी और 10 जून 2020 को आर्थिक अपराध शाखा, वाराणसी ने जब अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी तो शासन ने तत्काल सभी को बर्खास्त करने का आदेश दिया.
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उल्लेखनीय है कि 1996 से 1998 के बीच स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर 64 लोगों की नियुक्ति हुई थी . सभी को लगातार वेतन भी दिया जा रहा था . इनमें से कई का प्रमोशन भी हो गया था और वे लिपिक बन गए थे.
तिवारी ने बताया कि इस बात का खुलासा 2002 में उस वक्त हुआ, जब शासन से ऑडिट करने आई टीम ने उनकी सर्विस बुक मांगी . ऑडिट के दौरान टीम को 72 लोगों की सर्विस बुक नहीं दी गई और सर्विस बुक बाद में उपलब्ध कराने के लिए कहा गया . संदेह के आधार पर टीम ने शासन को जांच की सिफारिश कर दी . इसके बाद 18 वर्षों तक चली जांच में 64 लोगों की नियुक्ति फर्जी पाई गई और उनको बर्खास्त करने के आदेश हुए .
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)