
कोलकाता:
कोलकाता में एक व्यक्ति को एक किताब को लेकर अजीबो-गरीब लेकिन हास्यास्पद स्थिति का सामना करना पड़ा है. व्यक्ति ने एक रिटेल प्लेटफॉर्म से ‘कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ ऑर्डर किया लेकिन इस किताब के बदले उसे ‘भगवद् गीता’ की एक प्रति भेजी गई. किताब और चुकाई गई राशि की फोटो जारी करते हुए फेसबुक पर सुतीर्थो दास नाम के एक व्यक्ति ने लिखा कि वह डिलिवरी पैकेट खोलने के बाद आश्चर्य में पड़ गए थे क्योंकि दोनों किताबें एक दूसरे से हर स्तर पर बिल्कुल जुदा हैं. दास ने कहा कि उन्होंने 10 जून को ई-कॉमर्स कंपनी के पोर्टल से ‘कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ ऑर्डर किया था क्योंकि इस पर छूट मिल रही थी. 13 जून को उनके घर में किताब का पैकेट आया. वह उस समय अपने कार्यालय में थे.
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उन्होंने कहा, ‘‘घर पहुंचने पर मैंने पैकेट खोला तो चौंक गया, मैंने पाया कि मुझे जो किताब दी गई है, वह कम्युनिस्ट मैनिफोस्टो नहीं बल्कि भगवद् गीता है.” उन्होंने बताया कि 120 पन्नों वाली यह किताब अंग्रेजी भाषा में है और यह भगवद गीता का संक्षित रूप है.
व्यक्ति के पोस्ट पर कई मजाकिया टिप्पणियां आईं और कई लोगों ने आलोचना भी की. वहीं कई लोगों ने इस पोस्ट को शेयर भी किया. स्पष्टीकरण के लिए ई-रिटेल कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)