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Former President Pranab Mukherjee said on Ladakh, Nothing is more than the interest of the country – लद्दाख पर बोले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रहित सर्वोच्च होना चाहिए

लद्दाख पर बोले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, 'राष्ट्रहित सर्वोच्च होना चाहिए'

96/5000 पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लद्दाख में सैनिकों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि लद्दाख में होने वाली घटनाएं न केवल देश के रणनीतिक हितों के लिए “गंभीर चिंता का विषय” हैं, बल्कि “दूरगामी वैश्विक भू-राजनीतिक प्रभाव” भी हैं. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘इसे संभालते हुए सरकार को इसमें सभी को साथ लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राष्ट्रीय हितों से सर्वोच्च और किसी चीज को नहीं रखा जाता है.’ ट्वीट के जरिए साझा किए गए अपने बयान में देश के पूर्व रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर रहे पूर्व राष्ट्रपति ने सोमवार को लद्दाख के गालवान इलाके में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में मारे गए 20 भारतीय जवानों को भी श्रद्धांजलि दी. 

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लद्दाख में हुई लड़ाई – पत्थरों, लाठियों के साथ लड़ी गई लड़ाई लगभग 50 वर्षों में पहली बार हुई थी, जो घातक परिणाम के

साथ में समाप्त हुई थी.

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि इस घटना से राष्ट्र की आत्मा को “चोट” पहुंची है, उन्होंने कहा कि इसे पूरे राजनीतिक वर्ग द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए, हालांकि सरकार पर ज्यादातर झूठ होता है. सरकार को भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सभी रास्ते तलाशने चाहिए. बता दें कि प्रणब दा अपने विचारों को स्पष्ट करने के लिए जाने जाते थे. 

इससे पहले आज, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जवानों की मौत के संबंध में अपनी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर के रूप में, मैं देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए हमारे सैनिकों के अनुकरणीय साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं,” 

भारत ने पहले ही चीन को एक कड़ा संदेश जारी कर दिया है जिसमें कहा गया है कि लद्दाख में अपने सैनिकों की कार्रवाई “पूर्वनिर्धारित और योजनाबद्ध” रही है. अपने चीन समकक्ष के साथ टेलीफोन पर बातचीत में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इससे अभूतपूर्व विकास द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और चीन को सुधारात्मक कदम उठाने होंगे.

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